THE SHIV CHALISA IN HINDI DIARIES

The shiv chalisa in hindi Diaries

The shiv chalisa in hindi Diaries

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मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

कंबु – कुंदेंदु – कर्पूर – गौरं शिवं, सुंदरं, सच्चिदानंदकंदं ।

लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा ।

अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके Shiv chaisa बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

करत कृपा सब के घटवासी ॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

कार्तिक श्याम shiv chalisa lyricsl और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

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